मंगलवार, 13 सितंबर 2011

अलोकतांत्रिक सरकारों के खिलाफ औजार बनते सोशल नेटवर्किंग साइट्स

अलोकतांत्रिक सरकारों के खिलाफ औजार बनते सोशल नेटवर्किंग साइट्स
सोशल नेटवर्किंग साइट्स ने इन दिनों इंटरनेंट की दुनिया पर अपना वर्चस्व कायम कर लिया है। पर कतिपय आसामाजिक  लोगो की वजह से सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर प्रभावी निगरानी के लिए सरकार इंतजाम करने में जुटी हैं। शासन के स्तर पर सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर निगरानी व निषेधाज्ञा कोई नया कदम नहीं है, पर हाल के दिनों में सोशल नेटवर्किंग साइटे का प्रयोग काफी हद तक बहुत बढ़ा है जिसके लिए राज्यहित, देश की सुरक्षा, आतंकवाद व साइबर क्राइम जैसे पुराने तर्क  गढ़े जा रहे हैं। पर इन सब से अलग हटकर हाल-फिलहाल सत्ता परिवर्तन के ऐसे कई उदाहरण हैं जिनमें जनता ने नव संचार माध्यमों को अलोकतांत्रिक सरकारों के खिलाफ औजार बनाया है। और इस औजार के बलबूते उन्हे कुछ हद तक सफलता भी मिली हैं। भारत में भी छिटपुट आंदोलन, सरकार विरोधी या भ्रष्टाचार विरोधी अभियान इन दिनों चल रहे हैं, युवाओं ने इन आंदोलन में अपनी सहभागिता सोशल नेटवर्किंग साइट्स के माध्यम से ही दर्ज करायी हैं। इसलिए केंद्र सरकार ने दूसरे देशों में बने माहौल से बचने के लिए अपनी सतर्कता बढ़ा दी है। संगठित जनविरोध में सोशल साइट्स जनसंचार माध्यम का कम  करती है। यह भविष्य के संगठित विरोध से निपटने की तैयारी है। जनता से मिलने वाली चुनौती से निपटने में भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर सरकार अन्य उपाय भी कर रही है। आंदोलनों या प्रदर्शनों के बावत प्रशासन से ‘पूर्व अनुमित’ लेने की शर्त व धारा 144 को लागू करने के मामले बढ़े हैं। दिल्ली पुलिस से प्रदर्शन की अनुमति पाने के लिए अन्ना हजारे व उनकी टीम को जेल जाने तक का संघर्ष करना पड़ा था। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के  नेतृत्व में चले भ्रष्टाचार विरोधी पूरे आंदोलन के सिलसिले में ऑरकुट, फेसबुक, ट्विटर व गूगल प्लस जैसी सोशल साइट्स पर हुई या हो रहीं गम्भीर बहसों को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है।
सरकार सोशल साइट्स से आशंकित है क्योंकि यह भविष्य में व्यापत बदलाव के लिए लोगों को एकजुट कर सकता है। आज जब यह केवल शहरी पृष्ठभूमि तक सिमटा हुआ है, सरकार प्रस्तावित नीतिगत और मौद्रिक भ्रष्टाचार, नेताओं की विलासिता या अन्य सरकारी गैर-वाजिब फैसलों को ले·र इन मंचों की गतिविधियां लोगों का जुड़ाव बताती हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें